5 SIMPLE TECHNIQUES FOR HINDI KAHANIYAN

5 Simple Techniques For hindi kahaniyan

5 Simple Techniques For hindi kahaniyan

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hindi kahaniya for kids

''एक राजा निरबंसिया थे”—माँ कहानी सुनाया करती थीं। उनके आसपास ही चार-पाँच बच्चे अपनी मुठ्ठियों में फूल दबाए कहानी समाप्त होने पर गौरों पर चढ़ाने के लिए उत्सुक-से बैठ जाते थे। आटे का सुंदर-सा चौक पुरा होता, उसी चौक पर मिट्टी की छः ग़ौरें रखी जातीं, जिनमें कमलेश्वर

अस्वाभाविक न लगे। जिस चरित्र को वह प्रस्तुत कर रहा है, वह समाज के अन्दर

बिष्णु प्रभाकर एक सुधारवादी लेखक हैं। इन्होंने वर्तमान समय की समाजिक व्यवस्था तथा

में आयी इसका यहाँ पर विस्तृत विवेचन किया गया है। यह विधा वर्तमान में पूर्ण रूप

प्रमुख प्रगतिवादी कहानीकार और उनकी रचनाएँ इस प्रकार हैं- 

लाल, हिमांशु जोशी, हरिशंकर परसाई, महीपसिंह, श्रीकान्त वर्मा, कृष्ण वलेदव वैद, ज्ञानरंजन, सुरेश सिन्हा, गिरिराज किशोर, भीमसेन त्यागी, धर्मेन्द्र गुप्त, इब्राहिम शरीफ, विश्वेश्वर, महेन्द्र भल्ला, रवीन्द्र कालिया, काशीनाथ सिंह, प्रबोध कुमार, प्रयाग शुक्ल

ढोंग, आरोपित प्रतिष्ठा, भ्रष्टाचार आदि

चाव से सुनते और सुनाते थे। इनके अतिरिक्त, पुराण, रामायण, महाभारत, पन्चतंत्र, बेताल पच्चीसी, जातक कथाएँ आदि कई प्राचीन ग्रन्थ इन कहानियों का आदि स्रोत

तथा भाषा-शैली जैसे तत्व इनकी कहानियों में प्रमुखता से उभरे हैं. ये जब कभी

चार ब्राह्मण और शेर : पंचतंत्र की कहानी

कहा था: यह कहानी यथार्थवादी कहानी है जो एक आदर्श को प्रस्तुत करती है। गुलेरी जी

है यद्यपि इसकी भाषा और शैली में आधुनिक कहानी कला का आभास मिल जाता है।"

साहित्य के प्रेमचन्द स्कूल के वृहद्व्रयी कहलाते हैं- (हिन्दी साहित्य का सुबोध

उद्भव व विकास ,हिन्दी के प्रमुख कहानीकार और कहानियाँ 

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